PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana को सरकार से मंजूरी, 1.7 करोड़ किसानों के लिए सम्पूर्ण गाइड और लाभ की पूरी जानकारी

PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसे वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित किया गया। इस योजना का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र में सुधार लाकर किसानों की आमदनी बढ़ाना और खेती की उत्पादकता को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 16 जुलाई 2025 को मंजूरी दी गई है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना कृषि क्षेत्र पर केंद्रित भारत सरकार की पहली विशिष्ट योजना है, जिसका लक्ष्य 100 ऐसे जिलों का विकास करना है जहां कृषि उत्पादकता कम है, फसलों की विविधता कम है और किसानों को ऋण की उपलब्धता में कमी है। इस योजना का वार्षिक बजट 24,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है और यह छह वर्षों (2025-26 से 2030-31 तक) चलेगी।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना
- फसलों का विविधीकरण और जैविक खेती को बढ़ावा देना
- सिंचाई सुविधाओं का विकास और अपग्रेडेशन
- कटाई से लेकर भंडारण तक फसल प्रबंधन को बेहतर बनाना
- अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋणों की पहुंच को आसान बनाना
- पशुपालन, डेयरी, और मत्स्य पालन जैसे संबद्ध क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना
- किसानों की आजीविका सशक्त बनाना
योजना के क्रियान्वयन के तरीके
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं और राज्यों की भागीदारी से मिलकर लागू किया जाएगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला धन-धान्य समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्रगतिशील किसान भी सदस्य होंगे। यह समिति जिले का कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना तैयार करेगी, जो फसल विविधीकरण, जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।
प्रगति समीक्षा के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां सक्रिय रहेंगी। योजना की निगरानी मासिक आधार पर 117 प्रमुख कार्य निष्पादन संकेतकों के माध्यम से डिजिटल डैशबोर्ड पर की जाएगी।
कौन से जिले शामिल हैं?
यह योजना प्रमुखता से 100 ऐसे जिलों को लक्षित करती है, जो कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और ऋण वितरण में पिछड़े हैं। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला योजना में शामिल होगा, जिससे क्षेत्रीय संतुलन कायम रहे।
योजना से होने वाले लाभ
- लगभग 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा
- कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश और विकास बढ़ेगा
- स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए अवसर सृजित होंगे
- भारत में कृषि का सतत और स्थायी विकास सुनिश्चित होगा
- आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को बल मिलेगा
क्यों है यह योजना गेम चेंजर?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना केवल कृषि की पैदावार बढ़ाने पर ही केंद्रित नहीं है, बल्कि यह किसानों की समग्र आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने पर भी ध्यान देती है। बेहतर सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने से किसानों का जीवन स्तर बेहतर होगा। यह योजना कृषि क्षेत्र के दीर्घकालिक और सतत विकास के लिए नई उम्मीदें लेकर आई है।
योजना की निगरानी और प्रगति
योजना की सफलता के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी हर जिले में नियुक्त होंगे जो योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही नीति आयोग जिला योजनाओं की निरंतर समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा ताकि राष्ट्रीय कृषि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारतीय कृषि में एक नई क्रांति लाने का प्रयास है। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, कृषि को वैज्ञानिक और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि आप किसान हैं या कृषि से जुड़े हैं, तो इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों के बारे में अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
इस योजना से जुड़ी जानकारी लगातार अपडेट होती रहेगी, इसलिए सत्यापित सरकारी वेबसाइटों को फॉलो करते रहना चाहिए।
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