Goa GK – गोवा सामान्य ज्ञान

गोवा राज्य का परिचय (Introduction to Goa State)
गोवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक छोटा लेकिन बहुत ही प्रसिद्ध राज्य है। यह क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा राज्य है। यह अपने खूबसूरत समुद्र तटों (beaches), समृद्ध पुर्तगाली विरासत, शानदार वास्तुकला (architecture) और जीवंत संस्कृति के लिए विश्व भर में जाना जाता है।
तथ्य (Fact) | विवरण (Detail) |
राजधानी | पणजी (Panaji/Panjim) |
सबसे बड़ा शहर | वास्को डी गामा (Vasco da Gama) या मडगांव (Margao) |
आधिकारिक भाषा | कोंकणी (Konkani), जिसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। |
गठन | दिवस 30 मई 1987 (पूर्ण राज्य का दर्जा) |
मुक्ति दिवस | 19 दिसंबर 1961 (पुर्तगाली शासन से मुक्ति) |
भौगोलिक स्थिति | यह कोंकण क्षेत्र में स्थित है और इसकी सीमाएँ उत्तर में महाराष्ट्र और पूर्व तथा दक्षिण में कर्नाटक से लगती हैं, जबकि पश्चिम में अरब सागर है। |
गोवा का इतिहास
Goa History in Hindi: गोवा का इतिहास बहुत समृद्ध और विविध है। ईसा पूर्व की तीसरी शताब्दी में गोवा में मौर्य राजवंश का राज था और उनके बाद सातवाहन वंश, चालुक्य वंश, श्रीहरस वंश और कदंब के राजवंश ने राज किया। 14वीं सदी में मुसलमानों ने गोवा पर राज किया था, किन्तु सन् 1510 में मुसलमानों को पुर्तगालियों ने हराया और पूरे तटीय इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब रहे। पुर्तगालियों ने वेल्हा गोवा में एक स्थायी राज्य की स्थापना की।
साल 1843 में पुर्तगाली राजधानी को वेल्हा गोवा से पंजिम ले गए। सन् 1947 में भारत को आजादी मिली थी, लेकिन इसके 14 साल बाद भी गोवा पर पुर्तग़ाली अपना शासन जमाये बैठे थे। 19 दिसम्बर, 1961 को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय अभियान’ शुरू कर गोवा, दमन और दीव को पुर्तग़ालियों के शासन से मुक्त कराया था। 30 मई 1987 को गोवा आधिकारिक तौर पर राज्य घोषित किया गया था।
गोवा का इतिहास लगभग 450 वर्षों तक चले पुर्तगाली शासन के कारण अद्वितीय और विशेष है।
प्राचीन और मध्यकाल (Ancient and Medieval Period)
आरंभिक शासक: गोवा के प्राचीन इतिहास की जड़ें तीसरी सदी ईसा पूर्व तक जाती हैं, जब यहाँ मौर्य वंश का शासन स्थापित हुआ। इसके बाद इस क्षेत्र पर सातवाहन, चालुक्य, और राष्ट्रकूट जैसे कई राजवंशों का शासन रहा।
कदंब और विजयनगर: मध्यकाल में यह कदंब राजवंश के अधीन रहा, जो गोवा के लिए एक महत्वपूर्ण काल था। 14वीं सदी में इस पर विजयनगर साम्राज्य ने भी शासन किया।
मुस्लिम शासन: 15वीं सदी में यह गुलबर्ग के बहमनी सुल्तानों के नियंत्रण में आया, जिसके पतन के बाद बीजापुर के आदिल शाह का कब्जा हो गया, जिन्होंने गोआ-वेल्हा को अपनी दूसरी राजधानी बनाया।
पुर्तगाली शासन (The Portuguese Rule: 1510 – 1961)
आगमन: 1510 में, पुर्तगाली नौसेना के जनरल अफोन्सो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर के सुल्तान यूसुफ़ आदिल शाह को हराकर गोवा पर कब्जा कर लिया।
दीर्घकालिक उपनिवेश: गोवा पुर्तगाली भारतीय राज्य का केंद्र बन गया और लगभग 451 वर्षों तक पुर्तगाली नियंत्रण में रहा। यह भारत का एकमात्र क्षेत्र था जो इतने लंबे समय तक किसी यूरोपीय शक्ति के अधीन रहा। इस दौरान यहाँ यूरोपीय और भारतीय संस्कृतियों का गहरा मेल हुआ, जो आज भी यहाँ की वास्तुकला, खान-पान और जीवन शैली में दिखता है।
दमनकारी नीतियाँ: पुर्तगाली शासन में धार्मिक उत्पीड़न और जबरन धर्मांतरण (Forced Conversion) की घटनाएँ भी हुईं, जिसने स्थानीय संस्कृति को प्रभावित किया।
भारतीय संघ में विलय (Integration with the Indian Union)
स्वतंत्रता के बाद: भारत को 1947 में आज़ादी मिलने के बाद भी पुर्तगाल ने गोवा को छोड़ने से इनकार कर दिया।
ऑपरेशन विजय (Operation Vijay): स्वतंत्रता सेनानियों के लगातार संघर्ष और राजनयिक विफलताओं के बाद, भारत सरकार ने 1961 में “ऑपरेशन विजय” नामक सैन्य कार्रवाई की।
मुक्ति: 19 दिसंबर 1961 को, भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया और इन्हें भारतीय संघ में केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में शामिल किया गया। इस दिन को गोवा में मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पूर्ण राज्य का दर्जा: लंबे समय से चली आ रही माँग के बाद, 30 मई 1987 को गोवा को दमन और दीव से अलग कर भारत का 25वां पूर्ण राज्य घोषित किया गया।
संस्कृति और पर्यटन (Culture and Tourism)
संस्कृति का मिश्रण: गोवा की संस्कृति भारतीय और पुर्तगाली तत्वों का एक अद्भुत मिश्रण है। यहाँ के कैथोलिक और हिंदू समुदाय दोनों एक-दूसरे की परंपराओं और त्योहारों का सम्मान करते हैं।
भाषाएँ: कोंकणी के अलावा, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भी बोली जाती हैं।
पर्यटन: गोवा का मुख्य आकर्षण इसके समुद्र तट हैं, जैसे बागा, कैलंगुट, अंजुना और पालोलेम।
वास्तुकला और धार्मिक स्थल: यहाँ पुर्तगाली शैली के पुराने चर्च (जैसे बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस – Basilica of Bom Jesus) और भव्य हिंदू मंदिर (जैसे शांतादुर्गा मंदिर) देखने को मिलते हैं